सरकार को चाहिए कम्युनिकेशन गैप को कम करे किसानो की सुने और अन्नदाता के फायदे के लिए सोचे ना कि अपने व्यापारी मित्रों के लिए.

 आज हमारे देश में सबसे बड़ा चिंता का विषय है कि सरकार और जनता मे फांसला बढ़ता जा रहा है या फिर सरकार जान बुझ के पब्लिक को नजर अंदाज कर रही है!

इसका सबसे ताजा उदाहरण कृषि क्षेत्र में आए नए कानून है जिनको जनता पूरी तरह से नकार रही है लेकिन सरकार उनको धक्के से किसानो पर थोपने पर तुली हुई है!

   किसानो के मन की बात समझते हुए पंजाब और राजस्थान की सरकारों ने केंद्र के बनाय कानूनो मे कुछ बदलाव अपने अपने राज्यों की विधानसभाओं में पास करके कानून बना दिए हैं जिसमें राज्य सरकारों ने एमएसपी की गारंटी करदी है और एमएसपी ना देने पर व्यापारी के लिए सजा का प्रावधान कर दिया है 

लेकिन केन्द्र सरकार को किसानो की तसल्ली के लिए और किसानो के बड़े व्यापरियों से बचाव के लिए कुछ भी नया संशोधन करने के लिए तैयार नहीं है केंद्र के कानूनो मे ना तो किसानो को कोर्ट जाने का अधिकार है और ना ही एमएसपी की गारंटी जिसके खिलाफ सारे देश के किसानो मे रोष है और पंजाब का किसान तो विरोध प्रदर्शन भी कर रहा है लेकिन बीजेपी सरकार को कोई फरक नहीं पढ़ रहा किसानो द्वारा रेल्वे ट्रैक खाली कर देने के बाद भी केन्द्र सरकार माल गाड़ियां भेजने से इंकार कर रही है जो कि उसकी तानाशाही वाली सोच को उजागर कर रही है, यह चाल सरकार किसानो के आंदोलन पर दबाव बना के उसे रोकने पर मजबूर होने के लिय कर रही है.

बेहतर होता सरकार किसानो के मन की बात समझ कर उसके अनुसार कोई कदम उठाती!


   इस सरकार के आने से पहले किसानो की लड़ाई Swaminathan आयोग की रिपोर्ट लागू कराने की थी लेकिन अब मसला एमएसपी बचाने का और बडे पूंजी पतियों से जमीन बचाने का बन गया है.

अगर  यह सरकार किसान हितेशी होती तो बिहार का फैल माडल सारे देश में लागू करने की बजाय हरियाणा पंजाब का कामयाब माडल सारे देश में लागू करती और सारे देश के किसानो को कुछ फायदा पहुंचाती.

एक रिपोर्ट के अनुसार बिहार का किसान ओस्तन 3000 RS कमाता है जो कि सारे देश में सबसे कम है और उतनी ही जमीन से पंजाब का किसान 12000 rs कमाता है! 

तो यह सरकार नए कानून  किसानो की कमर तोड़ने के लिए लाई है ना कि उन्हें फायदा देने के लिए., 

सरकार को चाहिए कम्युनिकेशन गैप को कम करे किसानो की सुने और अन्नदाता के फायदे के लिए सोचे उसे कर्जा मुक्त करे 

क्यु की किसान है तो देश है! 


. parminder singh Bhamba 


काले जो कानून kitey पास jehde jaalma

 काले जो कानून kitey पास jehde jaalma

Ehde nalo चंगा सी j सीधी गोली maarda

Baneya फिरे chutha तू hiteshi वे किसान da

Ehde nalo चंगा सी j सीधी गोली maarda



.. Bombay deyaaaa setha हाथ वाली कठपुतली

Tu हर गाल muho जो वी कड़ी chuthi निकली

, देना chaunday kisan नु खिताब तू गुलाम da

,, Ehde nalo चंगा सी j सीधी गोली maarda



... तू मंडियां दे vich आखे hegy MSP.... J आढ़ती ना रहे किवे milu msp.... 

Oo मंडियां दे बाहर katho है नहीं msp 

ना bacheya कोई हक्क कोर्ट jaanda kisan da 

Ehde nalo चंगा सी j सीधी गोली maarda 


Cooperate Raj Val देश नु ले जाँ reha 

Labour कानून रद्द, हक्क गरीब da वी खा reha 

की कम देश vich ऐसी, जाहिल सर्कार da 

Ehde nalo सी j सीधी गोली maarda 


हक्क Mangan waleya te daanga tu वे Vonda फिरदे

लाड साहिब वाला राज फिर layonda firdey 

नोटा thale dabeya zameer बेईमान da 

Ehde nalo चंगा सी j सीधी गोली maarda 



Tera auna

 Tera auna सी supney vangra

Jive ख्वाब सच hoya

Tera जाना सी jida

सब कुछ ही मेरा मूक geya hoya

Oh दिल दी khed खेड़ी bachpane विच

Bhuldi दस क्यु नहीं

उम्र मेरी adhi nang चली

प्यास तेरी bhujdi दस क्यु नहीं


मीडिया


हमारा देश अब तक के सबसे नाजुक समय से गुजर रहा है
आजादी से अब तक देश ने जो कुछ भी बनाया है वो सब कुछ सरेआम नीलाम किया जा रहा है और टीवी पर किसी भी news चैनल पर इसको लेकर कोई भी सवाल नजर नहीं आ रहा
‌यह सरकार हर साल 2 crore नौकरिया देने के वायदे के साथ आयी थी परंतु सरकारी कंपनियों क  khatmey पर उतारू हो गई है,
‌jiska मतलब है न सरकारी कंपनियां बचेगी न किसी को नौकरी देनी पड़ेगी.!
‌मैं पर्सनल तौर पर इस सबके लिए लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया को jimevaar मानता हूँ. वो न जाने क्यु सरकार के हर गलत फैसले को टीवी पर masterstroke कहकर सारे देश की आंख में धूल झोंक रहे हैं!

Media sawal सरकार और उसकी नीतियों के बारे में छोड़कर विपक्ष से karta हुआ nazar आ रहा है, यहा तक कि एक , gst, kisan बीमा yojna जैसी फैल नीतियों पर एक भी सवाल ऐसा sarkar से नहीं  जिससे ईन योजनाओं के fail होने की वजह और जवाबदेही तेह हो सके यहा तक कि सवाल पूछने पर मीडिया लोगों को और विपक्ष को anti-nationalist का tag लगा देती है मतलब साफ़ है कि लोकतंत्र का चोथा स्तम्भ बिक चुका है Ager ऐसा नहीं होता तो टीवी पर सिर्फ हिन्दू मुस्लिम debates की जगह बड rahe अपराधों पर unemployment पर economy पर नयी शिक्षा नीति की कमियों पर बिक रही सरकारी धरोहर पर बढ़ती हुई गरीबी जैसी असली समस्याओं पर चर्चा होती और sarkar पर दबाव बनता ईन सब
फील्ड्स में काम करने का जिससे आम लोगों को बहुत फायदा हो सकता था
..
‌लेकिन मीडिया पूरी तरह सत्ता में बेठे लोगों के हाथ में खेल रहा है जो कि देश को होने वाले अकाल्पनिक नुकसान की तरफ इशारा karta है, और यह एक डरा देने वाला सच है कि ख़बरें जब bikkar छपने लगे तो आम लोगों के जानने से पहले ही सब कुछ खत्म हो जाता है दुनिया ऐसा कुछ प्राथम विश्वयुद्ध के बाद इटली और जर्मनी में देख चुकी है! अगर भारत में आजादी की लड़ाई के दोरान भी इसी प्रकार की मीडिया होती जो सत्ता के हाथ में खेल रही है तो फिर शायद स्वतंत्रता सैनानीयों की कोई भी बात कभी भी देश वासियों तक ना पहुंच पाती मतलब शायद
उस समय बिकाऊ मीडिया होता तो azadi आज भी एक ख्वाब ही hota
। इस लिए democracy के चौथे स्तंभ मीडिया को असली मुद्दो से देश को रूबरू करवाना चाहिए और अपना धर्म पत्रकारिता को शर्मिंदा होने से बचाना चाहिए.


हाले मुलख


पहली बार देखा बलात्कारियों के हक में भी तिरंगा यात्रा निकलती है,
ये na जाने कौन लोग हैं... की मुह से आह न निकलती है!


.. देश pink revolution मे खूब माल बेच रहा है
पर  शक की binaah par mobliching  होती rehti है.
.

.. Live video पर आपराधि अंजाम अपराध को देते हैं
इतना बेखौफ हो गए bus डर यह सोच कर लगता है.
..


.. बेरोजगारी.. ठप काम काज जो, सब notebandi से जन्मे हैं
Ram भरोसे ayi sarkar में..., सब कुछ राम भरोसे चल रहा है.
...

. Anarthshahtri raaj में बेठे, Tabhi गोल हो गया डिब्बा सब
बैंकिंग, मोटर, i. T सब sector, एक एक कर हो रहे ठप .
.

..... बनी सरकारे तोड़ने का, नया अनोखा खेल चला
एमपी सरकार गिरने के लिए, carona को ignore करा.
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..... राजधानी दिल्ली में दंगे ना जाने कितने लोग मरे
हेट स्पीच देकर भी कपिल ji, f. I. R से बच निकले.
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... Kisan मजदूर middle class की दुश्मन ये सरकार बनी
Lockdown में मजदूर bhaiyo की हालत किसी से छुपी नहीं .
.
एक एक कर जहाज रैल सब, बेच nikami sarkar रही 
कंपनी raaj की तरफ देश को, फिर से धकका मार rahi

....... बड़े बड़े घना सेठो की हाथ की कठपुतली है
Rajan ये फासिस्ट सरकार प्रजातंत्र का गला घोंटने पर तुली हुई है
By. Parminder Singh bhamba

निजीकरण से देश को होने वाला नुकसान by Parminder Singh bhamba

आज देश का नौजवान बेरोजगारी फिर महँगाई  से बेहद पिसा हुआ है! ईन मूदो पर ख़ामोशी भविष्य में होने वाले भयानक विस्फोट से पहले की शांति प्रतीत होती है! देखने की बात यह है कि देश को जाती धर्म के बीच में उलझकर भाजपा सरकार कब तक असली मुदौ से बची रहती है! सब सरकारी कंपनियों को एक एक करके प्राइवेट कंपनियों के हवाले किया जा रहा है, जिससे सरकारी नौकरीया खत्म होने की कगार पर हैं.! यह महँगाई नाम का दानव भी निजीकरण की वज़ह से ही काबु से बाहर होता नजर आ रहा हैं! हमारे देश में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें तय करने का हक़ सिर्फ निजी कंपनियों को ही है और सरकार के पास यह एक बहाने की तरह है कि यह उनके अधिकारों से बाहर है,लेकिन यह बात किसी से छुपी नहीं है कि पेट्रोल डीजल पर भाजपा सरकार मोटा कर वसूल रही है! 
जिसके कारण इंटरनेशनल बाजार में कम कीमत होने के बावजूद पेट्रोल डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है जिसका असर परिवहन  पर पड़ता है और हर एक चीज में महँगाई बढ़ती जा रही है.!
रेल्वे के प्राइवेट हो जाने से गरीब और मध्यम वर्ग को बहुत नुकसान होने वाला है उनके लिये रेल यात्रा करना पहले से दोगुना महँगा हो जाएगा! 
अब सरकार कृषि क्षेत्र में भी प्राइवेट कंपनियों को जितना वो चाहे भंडारण करने की अनुमति प्रदान करने की तैयारी में है, सरकार का कहना है कि मंडीकरण खत्म होने के बाद किसानों से फसल प्राइवेट कंपनी ने ही खरीदनी है तो उसको भंडारण की अनुमति जरूरी है! 
लकिन इससे किसानों से फसल मनचाहे दामों पर खरीद कर उसका भंडारण करके उसे देश वासियों को अछे खासे दामों पर बेचा जाएगा और पेट की भूख को ईस्तेमाल करके मुनाफाखोरी की जाएगी जिससे देश में हाहाकार मच जाएगा! 
सरकार को सोचना होगा रोजगार, पेट्रोल डीजल, गैस, रेल यात्रा, और रोटी (अनाज) हर किसी के लिए अपने जीवन को चलाने के लिए बहुत जरूरी है, और आज ईन सबके लिए एक आम आदमी हर इक पल बहुत संघर्ष कर रहा है! ना जाने कब यह स्थिति एक विस्फोटक रूप ले ले लेकिन भाजपा सरकार रोम के  शासक  नीरो की तरह अपनी ही धुन में मस्त नजर आ रही है! 



ज़द मुह खोलदा ए बस झूठ बोलदा ए - by Parminder Singh bhamba

ज़द मुह खोलदा ए
बस झूठ बोलदा ए
मेरे देश दे जुमले बाज़ा  विच
पाईला ओहदा नाम बोलदा ए
... सारे मीडिया नु ओ जेब च रखदा ए
ताहि सवाल करे ज़द कोई
मीडिया ओनु देश द्रोही दासदा ए
फोरन देया टूरा वीच बडा वयसत रहे
हमेशा रेनदा वोटा टोहलदा ए
... ओ अनरथशास्त्रि ए
बस रेडियो ते गल करदा
नित नोटबंदी वरगे पुठे
सीधे काम कारदा
निहत्थे फौजी चीन मार गया
ओ वैरी दिया गवाहीया भरदा ए
70 साला विच जो कुछ
भारत ने बनाया ए
निकमेआ दी आयी सरकार
सब सेल ते लाया ए
Bhambaya वकत माडा बड़ा
हूंन ओने वाला ए
फैल सरकार करके
बेरोज़गारी ते लूट मार वीच वी
हो गया इजाफ़ा ए
... By Parminder Singh bhamba 

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