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ओस सफर vich oh हमसफर सी

 


ओस सफर vich
Oh हमसफर si
Par Jo आज है
Oh कल नहीं सी
Waqt है isda काम चलना
मासूमियत विच खबर नहीं सी
.
कई साल Ehve ही मे gvaate
Sad गीत कई bnaate
Likhda reha dil काबु vich रहे
Kalheya likh laye, Kalheya गाते
.
Hun na oh एहसास रहे ने
ना ही hun ओ ख्वाब रहे ने
Naviya गला karda rajan
Nave jahe hun ख्वाब sajaale.

.

आज vi wafaa di जगह hai pehli 

आ ही गाल बस रह गई pehli 

Oh te bhamba badal geya hai 

Sach सुने te sambhal गया है 

Kisay सब ohne दफनाते

Don't disturb de बोर्ड लगाते. 

(parminder singh Bhamba) 

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Ki ah thoda a

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निजीकरण से देश को होने वाला नुकसान by Parminder Singh bhamba

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